30 अगस्त को आसमान में चांद रोजाना की तुलना में थोड़ा बड़ा और चमकीला नजर आएगा. अगस्त महीने में दो पूर्णिमा होने की वजह से ब्लू मून दिखेगा. पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को थी और दूसरी पूर्णिमा 30 अगस्त को होगी. इस खगोलीय घटना को पूरी दुनिया देखेगी. इस दिन चांद का साइज प्रतिदिन की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा होगा. यह नजारा हर 2 या 3 साल में देखने को मिलता है. ऐसे में हर कोई इस घटना को अपनी आंखों में कैद करना चाहेगा. ब्लू मून कब निकलेगा और इसको कैसे देखना है? इससे पहले यह जान लें कि बूल मून होता क्या है.
अंतरिक्ष में कुछ खगोलीय घटनाओं के कारण न्यू मून, फुल मून, सुपर मून और ब्लू मून हमें आसमान में नजर आते हैं. ब्लू मून भी ऐसी ही एक खगोलीय घटना है, जो हर 2 से 3 साल में देखने को मिलती है. जब एक महीने में दो फुल मून निकलते हैं तो दूसरे वाले फुल मून को ब्लू मून कहा जाता है. यह साइज में तो थोड़ा बड़ा होता ही है, साथ में इसका कलर भी थोड़ा सा अलग होता है. अगर किसी साल के दो या दो से अधिक महीने में दो पूर्णिमा हों तो उस साल को मून ईयर कहते हैं. ऐसी घटना साल 2018 में देखने को मिली थी. यह मून ईयर था क्योंकि इस साल के जनवरी और मार्च महीने में दो-दो पूर्णिमा थीं|
Super Blue Moon 2023
खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक अनोखा मौका आने वाला है। इसी हफ्ते आसमान में जल्द ही एक सुपर ब्लू मून दिखाई देगा। ऐसे में अगर आप इस सुपर ब्लू मून को देखना चाहते हैं तो 30 अगस्त को आसमान में आपको एक खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। इस घटना को देखना और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगले कई वर्षों में यह घटना दोबारा नहीं होगी। हालांकि ब्लू मून सिर्फ एक शब्द है। इसमें चांद का रंग नीला नहीं होता है। जब यह यह घटना समाप्त हो जाएगी तो यह इस साल देखा जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा चंद्रमा होगा।
लेकिन आखिर यह क्या है? चिंता मत कीजिए, आपको सबकुछ हम बताएंगे। एक ही महीने में जब दो पूर्णिमा दिखाई दे, उसे ब्लू मून कहते हैं। पूर्णिमा आम तौर पर महीने में सिर्फ एक ही बार दिखाई देती है। लेकिन जब ब्लू मून हो तो यह दो बार होती है। एक पूर्णिमा 29.5 दिनों बाद आती है। साल भर में 12 महीने होते हैं, लेकिन 12 पूर्णिमा 354 दिनों में पूरी हो जाती है। एक 13वां पूर्णिमा हर 2.5 वर्षों में दिखता है। 13वां चंद्रमा वाला साल ही ब्लू मून होता है।
क्यों कहते हैं सुपर ब्लू मून
चंद्रमा धरती का चक्कर लगाता है। लेकिन इस दौरान धरती से इसकी दूरी कम और ज्यादा भी होती रहती है। जब पूर्णिमा हो और चांद धरती के करीब भी हो तो यह सुपरमून कहलाता है। इस दौरान यह ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। औसतन सुपरमून बाकी पूर्णिमा से 16 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखता है। क्योंकि 30 अगस्त को सुपरमून भी है और साथ ही ब्लू मून भी है, इस कारण इसे सुपर ब्लू मून कहा जा रहा है।
कब दिखाई देगा सुपर ब्लूमून
इसे देखने का सर्वोत्तम दृश्य सूर्यास्त के बाद होगा। 30 अगस्त 2023 को रात 8.37 बजे सुपरमून अपनी सबसे ज्यादा चमक पर पहुंचेगा। चंद्रमा को देखने के लिए शाम का समय सबसे अच्छा मेल खाता है। ब्लू सुपरमुन बेहद दुर्लभ है। नासा के मुताबिक खगोलीय स्थितियों के कारण ये चंद्रमा हर दस साल में केवल एक बार दिखाई देते हैं। कई बार यह 20 वर्षों में भी दिखाई दे सकते हैं।