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Juni Pension Yojana|Juni Pension Yojana Status

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तीनों राज्यों ने घोषणा की है कि वे नई जुनी पेन्शन योजना को रद्द कर रहे हैं और पुरानी योजना पर वापस लौट रहे हैं। नई जुनी पेन्शन योजना उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो एक नई सेवानिवृत्ति योजना की तलाश कर रहे हैं। यह कहीं अधिक सुरक्षित है और इसे पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर स्वीकार किया जा सकता है।

एक बार इसे स्वीकार कर लेने के बाद पुरानी पेंशन योजना में वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है। केवल एक केंद्रीय कर्मचारी ही यह निर्णय ले सकता है, और यदि वे मर जाते हैं या अक्षम हो जाते हैं, तो उनकी मृत्यु से पहले स्वीकार किए गए अंतिम विकल्प पर विचार किया जाता है। परिवार के सदस्य इस निर्णय को ओवरराइड नहीं कर सकते हैं।

Juni Pension Yojana पेंशन योजना

जैसा कि भारत सरकार ने 2004 में इस योजना को लागू किया है, कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति पर अपने एनपीएस फंड का 60% तक निकाल सकते हैं। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों के पास भरोसा करने के लिए अभी भी एक पेंशन फंड होगा, भले ही वे जल्दी सेवानिवृत्त हो जाएं।

इसके अतिरिक्त, कर्मचारी पेंशन प्राप्त करने के लिए अपने एनपीएस फंड का 40% तक निवेश कर सकते हैं। यह एक ऐसा विकल्प है जो असाधारण परिस्थितियों में केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है।

पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या है?

पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी. इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी. हालांकि, इस स्कीम को 1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया|

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OPS और NPS में 10 बड़े अंतर

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)न्यू पेंशन स्कीम (NPS)
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती.NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है.
पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है.NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है.
पुरानी पेंशन (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है.नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है.
पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है.NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है.NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है.NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है. 
OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है.NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है.
OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है.NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है.NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है.
OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है.NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

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पुरानी पेंशन स्कीम के फायदे

  • इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.
  • पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है.
  • इस स्कीम में  पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है.
  • पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दिया जाता है.
  • इस स्‍कीम  के जरिये रिटायरमेंट  के बाद मेडिकल भत्‍ता और मेडिकल बिलों की रिम्बर्समेंट की सुविधा भी दी जाती  है.
  • इस स्कीम में रिटायर्ड हुए कर्मचारी  को 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है.

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नई जुनी पेन्शन योजना के तहत

हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नई जुनी पेन्शन योजना के तहत, आप आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक और धारा 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं।

इसके अलावा, एनपीएस खाते में 60% धनराशि कर मुक्त होती है, जबकि 40% धनराशि कर योग्य होती है। इसका मतलब है कि एनपीएस खाते में आपके निवेश के मूल्य के 40% के आधार पर आपको पेंशन मिलेगी।