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Panchamrut Yojana Scheme|पंचामृत योजना क्या है 

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panchamrit yojana:यूपी सरकार ने गन्ने की उपज बढ़ाने के लिए पंचामृत योजना शुरू की है जो न सिर्फ किसानों की खेतीबाड़ी की पांच विधियों को बखूबी से समझाएगा, बल्कि इससे गन्ना किसानों की आय दोगुनी होगी|ह किसानों को संजीवनी के रूप में काम करेगी. गन्ने की खेती में नई तकनीक का प्रयोग कर उपज बढ़ाने के लिए गन्ना विभाग ने पंचामृत नाम से एक नई योजना शुरू की है. इसमें गन्ना बुआई की आधुनिक विधा ट्रेंच, पेड़ी प्रबंधन, ड्रिप इरीगेशन, मल्चिंग और सहफसल शामिल है. इसलिए इसे पंचामृत नाम दिया गया है|

उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘पंचामृत योजना’ (Panchamrut Yojana) किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। योगी सरकार ने पिछले पेराई सत्र में गन्ना समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की थी, जिसमे अग्रिम किस्म के लिए 350 रुपये, सामान्य किस्म के लिए 340 रुपये और अनुपयुक्त घोषित प्रजातियों के लिए 335 रुपये शामिल हैं।

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यूपी सरकार द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, पंचामृत योजना गन्ने की उत्पादन लागत को कम करने के साथ-साथ पांच तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता और भूमि की उर्वरता बढ़ाने का प्रयास करती है। जिसमें गन्ने की बुवाई के लिए प्रबंधन, कचरा मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई और सह-फसल विधि शामिल है। इस योजना का उद्देश्य पानी की बचत और गन्ने की पराली और पत्तियों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से लागत को कम करना, उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को बचाना, अधिक उत्पादकता के लिए एक से अधिक फसलों की खेती को बढ़ावा देना और साथ ही साथ किसानों की आय में वृद्धि करना है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए खेतों में पत्तियों को जलाने की आवश्यकता नहीं होगी।

पंचामृत में हर चीज का अपना लाभ है|मसलन ड्रिप इरीगेशन से पानी की खपत 50 से 60 फीसद कम हो जाएगी. जरूरत के अनुसार नमीं बरकरार रहने से पौधों की बढ़वार अच्छी होगी| पत्तियां मल्चिंग के काम आने से इनको जलाने और इससे होने वाले प्रदूषण की समस्या हल हो जाएगी. कालांतर में ये पत्तियां सड़कर खाद के रूप में खेत को प्राकृतिक रूप से उर्वर बनाएंगी|

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गन्ना विकास विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ‘पंचामृत योजना’ के तहत राज्य में कुल 2028 किसानों का चयन शरद ऋतु के मौसम से पहले मॉडल भूखंड विकसित करने के लिए किया जाएगा। इस भूखंड का न्यूनतम क्षेत्र 0.5 हेक्टेयर होगा, जबकि मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना विकास परिषदों में से प्रत्येक में कम से कम 15 भूखंडों और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 भूखंडों का चयन किया जाएगा। ‘पंचामृत योजना’ के तहत अधिकतम परिणाम के लिए विधियों के कार्यान्वयन के संदर्भ में जिलेवार विभिन्न लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

गन्ना विकास विभाग के अधिकारी गेहूं की कटाई के बाद गन्ने की खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए यूपी के विभिन्न जिलों के गांवों का दौरा कर रहे है। अधिकारी ने बताया कि पंचामृत योजना किसानों को अतिरिक्त आय के लिए बाजार की मांग के अनुसार गन्ने के साथ तिलहन, दाल और सब्जियां उगाने की भी अनुमति देगी।साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले।

UP Panchamrut Yojana के उद्देश्य

  • यूपी पंचामृत योजना का उद्देश्य गन्ने की खेती में नई तकनीक का प्रयोग कराना है। जिससे गन्ने की उपज बढ़ाने तथा बसंतकालीन गन्ने की खेती की तुलना में अधिक हो।   
  • इस सीजन में बोई जाने वाली गन्ने के साथ धनिया, मटर, लहसुन, टमाटर, गेहूं सहफसलों की खेती कर सके ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो।   
  • पंचामृत योजना गन्ने के उत्पादन लागत को कम करेगी तथा पांच तकनीकों के माध्यम से उत्पादन और भूमि की उर्वरता बढ़ाने का प्रयास करेगी।   
  • गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच प्रबंध, कचरा मल्चिंग, पेड़ी प्रबंध, ड्रिप सिंचाई और सह-फसल इन पांचों विधियों को शामिल किया गया है।
  • उत्तर प्रदेश में कुल 2028 विशेष कृषक का चयन किया जाएगा। जिसके अंतर्गत गन्ना खेती के आदर्श मॉडल प्लाट का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा इस योजना में प्लाट का रकबा 0.5 हेक्टेयर होगा।    
  • इस योजना का महत्वपूर्ण उद्देश्य पानी की बचत करना और गन्ने की पैराली और पत्तियों के माध्यम से लागत को कम करना है।   
  • कीटनाशक के उपयोग को बचाना एक से अधिक फसल की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।   
  • खेतों में जो पत्तियों को जलाकर प्रदूषण होता है उसको भी नियंत्रित किया जाएगा।   
  • इस योजना के तहत अधिकतम किसानों के गन्ने कार्य के संदर्भ में जिलेवार विभिन्न लक्ष्य निर्धारित करेंगे। 

पंचामृत योजना का लाभ तथा विशेषताएं

  • पंचामृत योजना के माध्यम से किसानों को दुगुना लाभ होगा पहला न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन होगा तथा दूसरा लाभ उत्पादन का उचित मूल्य प्राप्त होगा।  
  • सरकार का लक्ष्य किसानों की आमदनी को दुगुना करना है।   
  • इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के किसानों को प्रदान किया जाएगा।   
  • उत्तर प्रदेश की सरकार पंचामृत योजना के माध्यम से किसानों को गन्ने की खेती के लिए प्रोत्साहन दे रही है।   
  • गन्ने का मूल्य गन्ने की खूबी के अनुसार बढ़ाया जाएगा।   
  • गन्ने की बुवाई के लिए प्रबंध, ड्रिप सिंचाई, कचरा तथा सह-फसल विधि को शामिल किया गया है।   
  • पंचामृत योजना के माध्यम से पानी की बचत होगी लागत को कम किया जाएगा।   
  • कीटनाशकों के उपयोग से बचा जाएगा तथा गन्ने की पराली के लिए अधिकतम उपयोग में लागत को कम किया जाएगा।   
  • जो पत्ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जलाए जाते हैं उनकी आवश्यकता नहीं होगी।   
  • इस योजना के माध्यम से गन्ने की खेती को बढ़ावा मिलेगा।   
  • नई तकनीकों का प्रयोग होगा किसानों की आय बढ़ेगी।   
  • जिलेवार अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित करेंगे तथा किसानों को सम्मानित किया जाएगा। 

पंचामृत योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

आपको बता दे कि यूपी सरकार ने पंचामृत योजना के अंतर्गत अभी सिर्फ योजना की घोषणा की है। तथा उसके उद्देश्य, लाभ के बारे में बताया है। यूपी सरकार ने पंचामृत योजना आवेदन करने के लिए अभी आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च नहीं की है। सरकार जैसे ही आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च करेगी। हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सूचित कर देंगे।