मुख्यमंत्री के लिए संसदीय बोर्ड जो नाम तय करेगी वह सभी को मान्य होगा। उन्होंने कहा सीएम को लेकर गुटबाजी या शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है। प्रदेश में सीएम की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजेकेंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादवगजेंद्र सिंह शेखावतअर्जुन राम मेघवाल और वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर शामिल हैं। हालांकि कुछ विधायक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सीएम बनाने के पक्ष में है।
राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री को लेकर प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि भाजपा संसदीय बोर्ड का निर्णय सभी को मानना होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी किसी का नाम तय नहीं हुआ है। इसके समानांतर योगी बाबा बालकनाथ रेस में अपना नाम सुनकर फूले नहीं समा रहे हैं। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने तो उन्हें बधाई तक दे दी। वहीं भाजपा की इस रेस से बेखबर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजनीतिक भविष्य को लेकर दम ठोंकने का कोई अवसर नहीं गंवाना नहीं चाहती।
Rajasthan New CM
जयपुर में वसुंधरा की तारीफ करने वाले भाजपा नेताओं की कमी नहीं है। एक नेता जी कहते हैं कि 7 सांसदों ने चुनाव लड़ा था। तीन चुनाव हार गए। इन्हें तो केन्द्र ने ही मैदान में उतारा था। वह कहते हैं कि पूरे चुनाव में वसुंधरा ने 60 जनसभाएं की। भाजपा के तमाम बागी नेताओं के खिलाफ कोई जनसभा और प्रचार नहीं किया। वह कहते हैं कि नतीजों की समीक्षा कीजिएगा तो कुछ कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सही बात यह है कि वसुंधरा के मुकाबले भाजपा के पास राजस्थान में कोई लोकप्रिय नेता नहीं है। माना जा रहा है कि इसे वसुंधरा राजे भी बखूबी समझती हैं।
वसुंधरा कैंप का मानना है कि यह वसुंधरा की आखिरी राजनीतिक पारी जैसी है। यदि वह इस बार चूक गईं तो राजस्थान की राजनीति का सुनहरा कटोरा उनके हाथ से निकल जाएगा। इतना ही नहीं, वह राजनीति में भी हाशिए पर चली जाएंगी। राजस्थान की राजनीति को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार संतोष पांडे भी इससे सहमत हैं। संतोष कहते हैं कि अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाए रखने के लिए वसुंधरा के पास अपने हक के लिए लड़ने के सिवा कोई चारा नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक वसुंधरा को लेकर पूरे राजस्थान के लोग इसी तरह की राय रखते हैं, क्योंकि केन्द्र से उनके समीकरण व्यावहारिक नहीं हैं।
विधायकों ने वसुंधरा, जोशी व सिंह से की मुलाकात
जयपुर पहुंचने वाले नव निर्वाचित कई विधायकों ने मंगलवार को वसुंधरा से उनके निवास पर मुलाकात की। वहीं प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी व अरूण सिंह से पार्टी कार्यालय में मुलाकात की। वसुंधरा से दो दिन में 50 से अधिक विधायकों ने मुलाकात की है। अधिकांश विधायकों ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया। वहीं वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ ने कहा,दो दिन में वसुंधरा से 70 से अधिक विधायक मिले हैं।
‘जोशी के नेतृत्व में भाजपा ने जीत हासिल की है’
विधायक रामस्वरूप,समाराम गरासिया,शंकर सिंह रावत ने सीएम पद के लिए वसुंधरा को पहली पसंद बताते हुए कहा, आलाकमान का निर्णय मान्य होगा। वसुंधरा से मिलने वाले अधिकांश विधायकों ने कहा, चुनाव जीतने के बाद यह पहली सामान्य मुलाकात थी। सीएम को लेकर कोई बात नहीं हुई। वहीं जोशी से मुलाकात के बाद विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा, जोशी के नेतृत्व में भाजपा ने जीत हासिल की है। ऐसे में आलाकमान सोच कर ही फैसला करेगा। कामां सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी हरियाणा के नूंह निवासी नोक्षम चौधरी ने कहा,सीएम के चेहरे पर उनकी पसंद कमल का फूल है।