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TRP Full Form in Hindi | टीआरपी क्या होता है ?

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आज वर्तमान दौर में TRP को लेकर बहुत चर्चा चल रही है। आज के इस लेख में हम समझेंगे की TRP क्या है। इसका फूल फॉर्म क्या होता है । आप इस लेख को पूरा पढ़ें तभी समझ पाएंगे की TRP आखिर इतना चर्चा में क्यों है?

सभी लोग टीवी देखते हैं जिसमें इस बात का हमेशा जिक्र होता है की इस टीवी चैनल का टीआरपी बहुत ज्यादा है। अतः इस बात की जानकारी आप लोगों के लाभकारी साबित होगा। ये भी आप लोगों ने सुना होगा की वर्तमान में सब टीवी चैनल TRP के पीछे दौड़ लगा रहे हैं अपना टीआरपी रेट बढ़ाने के लिए।  इस तरह की चर्चाएं आम तौर पर होती रहती है ।

और इन्ही सब के बीच आप के मन में एक सवाल ने जन्म लिया होगा की आखिर ये TRP होता क्या है और इसका क्या इस्तेमाल है और TRP का full form क्या होता है|

अतः आप भी कई बार यह सोचते होंगे की आखिर ये टीआरपी है क्या और इसका फूल फॉर्म क्या है। अतः इन्हीं सब सवालों का उत्तर हम इस लेख में बताने जा रहे है जिससे आपके मन की शंका दूर होगा और आपको आपके सवाल का उत्तर भी मिल जाएगा ।

TRP Full Form in Hindi

TRP का फूल फॉर्म है-Television Rating Point/Target Rating Point. अर्थात टेलेविजन रेटिंग पॉइंट/टारगेट रेटिंग पॉइंट । अब आपको इसका फूल फॉर्म मालूम तो चल ही गया । चलिए अब आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं ।

TRP का मतलब क्या होता है?

अगर TRP को साधारण भाषा में समझाया जाए तो यह किसी भी टीवी चैनल के serials को कितना ज्यादा देखा जा रहा है और उसे कितना ज्यादा पसंद किया जा रहा है इसपर निर्भर करता है.

टीआरपी को साधारण भाषा में समझे तो इसका यही अर्थ निकलता है की जो भी वर्तमान में चैनल चल रहे हैं उसको लोग कितना ज्यादा देख रहे हैं और और कितना पसंद कर रहे हैं। जितनी ज्यादा बार देखेंगे उस चैनल की पॉपुलरटी उतना ही ज्यादा होगा।

जैसे आप लोग ‘द कपिल शर्मा शो’ देख ही रहे होंगे । इस चैनल को लोग ज्यादा बार देखते हैं, उसको पसंद भी करते हैं,उससे उनको भरपूर आनंद और खुशी भी मिलती है ।

इस तरह देखा जाए तो उस सोनी चैनल की टीआरपी रेट बढ़ जाता है । अतः इसके नाम से ही पता चल जाता है की टेलिविज़न रेटिंग पॉइंट क्या है। इसको लोग कितना पसंद करते हैं,कितनी बार देख रहे हैं । उस सीरियल को कितनी बार रेटिंग मिल रही है । उसको कितनी बार पसंद किया जा रहा है । ज्यादा से ज्यादा बार देखा जा रहा है । इसी फंडे को टेलीविजन रेटिंग पॉइंट कहा जाता है । यही TRP चैनल जगत की दुनिया में इतना प्रसिद्ध है ।

अतः यहाँ खेल चैनल का नहीं बल्कि उस चैनल पर चल रहे शो या सिरिल का कमाल है । जिस चैनल पर सबसे पोपुलर और ज्यादा इन्टरटैनमेंट वाला शो चलेगा उतना ही ज्यादा उस चैनल का टेलीविजन रेटिंग पॉइंट सही रहेगा ।

जिस चैनल पर बढ़िया और पोपुलर शो नहीं चल रहा है या लोगों का पसंदीदा सिरिल या शो नहीं चल रहा है तो लोग उस चैनल को देखना बंद कर देते हैं अतः उस चैनल का टीआरपी रेट कम यानि की डाउन हो जाता है।

कैसे चेक करते हैं TRP

अभी तक आप लोगों ने यह जान लिया है की TRP क्या है और इसका फूल फॉर्म क्या है, लेकिन अभी भी आपके दिमाग में यह प्रश्न जरूर घूम रहा होगा की आखिर टीआरपी कैसे चेक किया जाता है। इसको चेक करने का पैमाना क्या है। कैसे चेक करते हैं की किसी भी चैनल का टीआरपी कम है या ज्यादा ।

1K means in Hindi

साथियों टीवी चैनल का एक analytics होता है जिसे हम people meter के नाम से जानते हैं । इस टूल्स के माध्यम से किसी भी टीवी चैनल के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है की उस चैनल को किस डिवाइस के माध्यम से देखा जा रहा है, कितने लोग देख रहे हैं, देखने वालों में महिला, पुरुष कौन है आदि ।

कैसे पैसा कमाते हैं टीवी चैनल वाले?

दुनियाँ के किसी भी टीवी चैनल की कमाई का मुख्य साधन ‘Advertisement sponsorship, paid promotion मुख्य होता है। चाहें चैनल भारत का हो, अमेरिका का हो या अन्य किसी देश का। हर चैनल की कमाई का यह मुख्य स्रोत होता है।

आप लोग जब भी कोई टीवी serials देखते हैं तब आप को कुछ कुछ समय के बाद ads दिखाई जाती हैं उन्ही ads की मदद से यह सारे टीवी चैनल की कमाई होती है.

जब भी कोई मूवी,सीरियल, या अन्य कोई शो देखते हैं तो आपको बीच बीच में कुछ ads दिखाई देता होगा। ये ads ही Advertisement sponsorship होता है । इसके अलावा जब भी आप कोई अपना favourite सीरीअल देखते हैं तो आपको नीचे की तरफ किसी अन्य सीरियल का बैनेर देखते होंगे । उसे ही paid promotion कहा जाता है । इससे भी टीवी चैनल की कमाई होती है ।

क्या नुकसान होता है किसी भी टीवी चैनल के टीआरपी कम होने से?

जब कम लोग चैनल को ओपन करते हैं या देखते हैं तो उस चैनल को ads कम मिलने लगते हैं । उनको paid promotion भी नहीं मिलता है ।इससे उनकी कमाई बहुत ज्यादा कम हो जाती है।  उस चैनल का रेट कम हो जाता है। उसकी टीआरपी कम हो जाता है ।

जब आप के चैनल को कोई देखेगा ही नहीं, ज्यादा लोग आप के चैनल में इंट्रेस्टेड नहीं है तो कोई भी कम्पनी जो ad दिखाती है वो आप के चैनल में ad ही नहीं दिखाएगी.

यहाँ सीधा साफ मतलब है की जब चैनल पर प्रोग्राम देखाए जा रहे हैं और उस चैनल को कोई ओपन नहीं करेगा तो या पसंद नहीं करेगा तो ads और promotion ads कहाँ से मिलेगा और उस चैनल की कमाई कैसे होगी । अतः यही मुख्य वजह है की अब सभी चैनल टीआरपी के पीछे भाग रही हैं क्योंकि उस चैनल का टीआरपी ठीक होगा तो उस चैनल की मोटी कमाई होगी । उनका business बढ़ेगा । उनको अच्छे प्रोग्राम भी मिलेंगे । उनकी पाप्यलैरिटी भी बढ़ेगी । अतः साथियों अब आप लोगों को यह बात समझ में तो आ ही गया होगा की हर चैनल अब टीआरपी के पीछे क्यों भाग रहे हैं।