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FIR Full Form in Hindi | एफआईआर के बारे में विस्तार से जानें

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FIR Full Form in Hindi: नमस्कार साथियों! आज इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों को एफआईआर के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे की Fir का Full form क्या होता है। आज का यह एक महत्वपूर्ण विषय है । हमें आम जीवन में इस शब्द को अक्सर सुनने को मिलता है। अतः FIR क्या है, FIR का पूरा अर्थ क्या है?  इसका कहाँ प्रयोग करते हैं और हम फोन या मोबाईल से FIR कैसे दर्ज करते हैं आदि बातों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे ।

FIR Full Form in English- “First Information Report”

FIR Full form in Hindi- “प्राथमिकी या प्रथम सूचना रिपोर्ट”

FIR Full form in Police- “First Investigation Report”.

इस शब्द से तो पूरी दुनियाँ परिचित है। जब भी हमारे जीवन में कोई भी समस्या आती है लोग तुरंत धमकी देते रहते हैं की मैं तुम्हारे खिलाफ FIR दर्ज कर दूंगा । FIR लिखवाने के कई कारण होते हैं एक तो जब कोई घटना घटती है तो FIR लिखवाया जाता है या भविष्य में कोई दुर्घटना या किसी प्रकार की आशंका से बचने के लिए लोग FIR लिखवाते हैं जिससे उनके जीवन में सिक्युरिटी बनी रहे।

अतः इसतरह हम कह सकते हैं की FIR एक दस्तावेज है जो पुलिस द्वारा तैयार किया जाता है । इसमें अपराध की सूचना का वर्णन होता है। यह एक अनिवार्य कदम होता है जो पुलिस द्वारा अनुसंधान शुरू करने के पहले का होता है।

जब कभी शिकायत करने वाला व्यक्ति थाने में पुलिस के पास शिकायत करता है तो पुलिस उस डॉक्युमेंट पर थानाअध्यक्ष का हस्ताक्षतर करवाकर एक मोहर लगा देता है और शिकायत कर्ता को भी उसकी एक कॉपी दे देता है । इस पर थानाअध्यक्ष, शिकायतकर्ता का सिग्नचर होता है ।

इसके बाद FIR नंबर को पुलिस अपने रजिस्टर में एंट्री करता है । जब पुलिस को लगता है की आपने उसको जो जानकारी प्रदान किया है वो सब सही है तो इसके बाद वह अपनी कार्यवाही शुरू करती है ।

लेकिन यदि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो पीड़ित व्यक्ति न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। भारतीय दंड संहिता 1973 के द्वारा एफआईआर दर्ज किया जाता है ।

यहाँ आपको बता दें की आप कई कारणों से एफआईआर दर्ज करते हैं जैसे-आपस में कोई झगड़ा होता है तो, पड़ोस में किसी से होता है तो,कहीं कोइ चोरी होती है है तो, या भविष्य में किसी के धमकी आदि की आशंका होती है तो ऐसे स्थिति में लोग एफआईआर दर्ज करवाते हैं।

जब कोई पीड़ित व्यक्ति पुलिस के पास त्वरित कार्यवाही हेतु शिकायत दर्ज करवाता है तो इसे ही ‘प्राथमिकी’ अथवा ‘प्रथम सूचना रिपोर्ट’ कहा जाता है । जब कोई व्यक्ति विशेष किसी प्रकार के अपराध का शिकार हो जाता है तो अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस के पास लिखित या मौखिक रूप से शिकायत दर्ज करवाता है तो इसे ही एफआईआर कहा जाता है । इसमें लिखित ज्यादा मान्य होता है ।

क्या होता है ज़ीरो एफआईआर

प्रायः एफआईआर घटना स्थल से संलग्न थाने पर ही एफआईआर दर्ज होता है लेकिन कभी कभी कुछ विषम माहौल में बाहरी थाने पर भी एफआईआर दर्ज करना पड़ता है। लेकिन बाहरी थाने के घटना को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है अतः इस परेशानी से नितपटने के लिए सरकार जीरो एफआईआर की अवधारणा को विकसित किया है। आप बाहरी थाने पर भी एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं लेकिन बाद मे उसको ट्रैन्स्फर भी करवा सकते हैं ।

क्या होता है एफआईआर के बाद?

जब पीड़ित व्यक्ति द्वारा FIR किया जाता है और पुलिस प्राथमिक रूप में FIR दर्ज कर देती है तो उसके बाद पुलिस कानूनी रूप से बाध्य हो जाती कार्यवाही करने के लिए । FIR मामले के पूरी जांच करने के पहले का कदम होता है । पुलिस जांच के द्वारा घटना का निरीक्षण करती है, साक्ष्य इकट्ठा

जब पीड़ित व्यक्ति एफआईआर दर्ज करता है तो पुलिस प्राथमिक रूप से एफआईआर दर्ज कर लेती लेकिन इसके बाद से पुलिस पूरी तरह से बाध्य होती है की उस पर कार्यवाही प्रारंभ कर दे । एफआईआर मामले की पूरी जांच करने के पहले का एक कदम होता है । इसके बाद पुलिस जांच के द्वारा घटना के बारे में निरीक्षण प्रारंभ करती है। मामले की छानबीन करती है, साक्ष्य बटोरती है, घटना से संबंधित सभी तरह के गवाहों से पूछताछ करती है, मामले का बयान दर्ज करके मुख्य घटना का फोरेंसिक चेक करने हेतु भेजती है । अब जब पुलिस के द्वारा परीक्षण पूरा हो जाता है तो चालान या आरोप पत्र तैयार करती है ।

स्मार्ट मोबाईल फोन से एफआईआर कैसे दर्ज करते हैं?

साथियों अगर आपको लगता है की मेरे साथ कुछ गलत होने वाला है जिसका समाधान आपके पास नहीं है, या आपके साथ कुछ गलत हो गया है, या चोरी हो गया है, या किसी प्रकार की मामूली झड़प हुई है, या मारपीट हुई है तो आपको इस बात की सूचना पुलिस तक जरूर पहुंचानी चाहिए और उक्त मामले के बारे में एफआईआर दर्ज कर देना चाहिए। लेकिन इस बात का भी आप पूरा ध्यान रखें की हर मामले के बारे में आप एफआईआर मत दर्ज करवाएं । कोई गंभीर मामला हो या संगीन जुर्म हो तो ही एफआईआर दर्ज करवाएं।

एफआईआर अब आप अपने स्मार्ट मोबाईल फोन से कर सकते हैं । चलिए जानते हैं की बहुत ही आसानी से कुछ आसान टिप्स को फॉलो करते हुए आप कैसे घर बैठे एफआईआर दर्ज कर सकते हैं ।

इसके लिए आपको सबसे पहले पुलिस स्टेशन का ऑफिसियल वेबसाईट ओपन करना है । यहाँ हम यूपी का उदाहरण लेते हैं- Uttar Pradesh Police ये लिखकर सर्च करें ।

जब आप इस पर क्लिक कर देते हैं तो आपको इसके होम पेज पर “UPCOP” एप दिखाई देगा जिसको अपने गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं । इसमें सबसे पहले आपको एफआईआर का ऑप्शन दिखाई देगा । जब आप इस पर क्लिक कर देंगे तो आपके सामने कुछ इस तरह का पेज खुल जाएगा । इसके बाद आपसे आपका मोबाईल नंबर पूछेगा । इसमें आप अपना मोबाईल नंबर सही सही भरें क्योंकि आपके मोबाईल नंबर पर एक ओटीपी आएगा । उस ओटीपी को आप भर दें।

इसके बाद आपसे आपका पूरा डिटेल्स पूछा जाएगा । और किस लिए आप एफआइआर करना चाहते चाहते है ये भी आपको डिटेल्स देना होगा । इस तरह आपने देखा की कितनी आसानी से आपकी समस्या सॉल्व हो गई । Fir full form

इसके बाद आपसे आपके बारे में पूरा डिटेल्स पूछेगा । आप उसको सही सही भर दें । ध्यान रहे आपको अपना पूरा डिटेल्स सही सही भरना है । इसके बाद आप इसको सबमिट कर दें । तो देखा साथियों कितना आसान है घर बैठे अपने स्मार्ट फोन से एफआईआर दर्ज करना । आपको पुलिस स्टेशन का चक्कर भी नहीं काटना पड़ेगा ।

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