नई शिक्षा नीति”National Education Policy | New Education Policy PDF | नेशनल एजुकेशन पालिसी नई शिक्षा नीति | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है; प्यारे दोस्तों आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से New Education Policy से संबंधित जानकारी देंगे ,हम शिक्षा नीति से संबंधित संपूर्ण विश्लेषण को चर्चित करेंगे जिसमें नई शिक्षा नीति में क्या-क्या बदलाव हुए हैं इसके क्या-क्या सकारात्मक पहलू है नई शिक्षा नीति कब तक लागू हो जाएगी ,नई शिक्षा नीति का प्रारूप किस तरह से बनाया गया है हम यह भी देखेंगे कि कौन से ऐसे सुझाव है जिससे शिक्षा नीति में शामिल करना चाहिए और जिन्हें शामिल नहीं किया गया है।
शिक्षा नीति में बदलाव मानवी अधिकार मंत्रालयों के अंतर्गत किया जाता है लेकिन अब इस मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है इसी मंत्रालय के अंतर्गत नई शिक्षा नीति को लाया गया है।
यह शिक्षा नीति किस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक सिद्ध होगी और इसका उद्देश्य किस तरह से प्रत्येक विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा देना होगा जिससे कि विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ एक सर्वांगीण विकास हो।
भारत में शिक्षा नीति में जो पहली बार बदलाव किया गया था वह 1968 में किया गया था और उसके बाद 1986 में दूसरी बार शिक्षा नीति में परिवर्तन किया गया 1992 में थोड़ा सा परिवर्तन 1986 वाली शिक्षा नीति में जोड़ा गया और अब गत वर्ष 2020 मैं तीसरी बार शिक्षा नीति में परिवर्तन होने जा रहा है ( NEP) New eduction policy 2020 शिक्षा नीति Ministry of Human Resource Development Government of India के अंतर्गत आती थी लेकिन अब इसे बदलकर Ministry of Education कर दिया गया है।
इसे भी जरूर पढ़ें:-Indira Gandhi Urban Credit Card Scheme 2022
New Education Policy 2022
यह शिक्षा नीति अभी तक का शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा बदलाव होगा, इस शिक्षा नीति को ग्राम पंचायत से लेकर केंद्र तक सभी के सुझाव को मध्य नजर रखते हुए एक सबसे बड़ी कमेटी के नेतृत्व में इसके प्रारूप को तैयार किया गया है यह शिक्षा नीति ISRO के पूर्व विज्ञानिक कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में तैयार की गई है शिक्षा नीति में ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र तक हर एक तबके को मद्देनजर रखते हुए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की रणनीति को प्रत्येक के सुझाव के आधार पर ही Report तैयार किया गया है इस नीति को 2022-23 तक लागू किया जाना है।
लेकिन देश भर में महामारी के चलते शिक्षा नीति लागू करने में समय और अधिक भी लग सकता है New Education Policy 2021 मैं प्राथमिक स्तर से लेकर ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएशन तक बदलाव किए गए हैं बदलाव के अंतर्गत कक्षाओं को विषय के आधार पर वर्गीकृत किया गया है जिसमें की विद्यार्थियों को संपूर्ण अध्ययनआत्मक विषय का ज्ञान प्राप्त होगा,शिक्षा नीति का प्रारूप विद्यालय ,महाविद्यालय ,विश्वविद्यालय में अलग-अलग रूप में रूपांतरित किया गया है जिसका संपूर्ण विश्लेषण हम चर्चित करेंगे।
New National Education Policy 2022
आर्टिकल किसके बारे में है | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 |
किस ने लांच की स्कीम | भारत सरकार |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
आर्टिकल का उद्देश्य | इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। |
ऑफिशियल वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
साल | 2022 |
स्कीम उपलब्ध है या नहीं | उपलब्ध |
इसे भी जरूर पढ़ें:-Himkosh HP Login Portal 2022
National Education Policy 2022 के चार चरण
नई शिक्षा नीति का प्रारूप प्राथमिक स्कूली शिक्षा ,स्नातक, स्नातकोत्तर और उच्च शिक्षा के आधार पर वर्गीकृत किया गया है
स्कूल की जो 12वीं तक की पढ़ाई है वह सरकार द्वारा किसी भी बोर्ड के अंतर्गत करवाई जाती है जो राज्य सरकार के अंतर्गत आता है अब इन्हीं 10+2 तक की शिक्षा को विभाजित किया गया है और इसमें semester system को भी शामिल किया गया है नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब बच्चे की admission 3 वर्ष होने पर ही विद्यालयों में करवा दी जाएगी ,पुरानी शिक्षा नीति के आधार पर यह 6 वर्ष होने पर ही आप विद्यालयों में प्रवेश लेते थे ,शिक्षा नीति के आधार पर विद्यार्थियों को अलग-अलग गतिविधियों, भाषा ,तकनीकी पर भी बल दिया गया है
1.Foundation Stage (5YEARS) Play school (3year No Exam)
class1st and 2nd (2years
प्राथमिक स्तर पर शिक्षा नीति के आधार पर यह फाउंडेशन स्टेज तैयार की गई है जिसमें बच्चों की एडमिशन 3 वर्ष की आयु में विद्यालयों में करवा दी जाएगी और बच्चों को विद्यालय से लगाओ हो उनके मन में किसी भी तरह का कोई डर ना रहे इसके लिए विद्यालयों में प्ले स्कूल बनाए जाएंगे जिसमें उनके लिए खेलने की मनोरंजन के साधन उपलब्ध करवाए जाएंगे और बच्चा 3 वर्ष तक उसी प्ले विद्यालयों में पड़ेगा जैसे ही यह 3 वर्ष खत्म होंगे तब उसे कक्षा एक में भेज दिया जाएगा और फिर कक्षा 2 इन 2 वर्षों में वह पढ़ाई के प्रति अपनी रुचि और विद्यालयों के प्रति अपनी जिज्ञासा विद्यालयों के प्रति अपनी रूचि और पढ़ाई के प्रति अपनी जिज्ञासा को बढ़ाएगा इन 5 वर्षों में उस विद्यार्थी से किसी भी तरह की कोई मानसिक दबाव में परीक्षा नहीं ली जाएगी।
नीति के आधार पर जो बच्चा विद्यालय जाने से डरता था वही बिना डरे खुशी से विद्यालयों जाएगा इसी तरह शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह शिशु विद्यार्थियों से किस तरीके से का मन कैसे विद्यालयों और पढ़ाई की ओर आकर्षित करें
2. Preparatory Stage (3years) Class 3rd to 5th
Activity +Study
Language (Regional language /National )
शिक्षा नीति के दूसरे स्तर में एक विद्यार्थी को 3 वर्ष लगाने हैं कक्षा 3 कक्षा 4 और कक्षा 5 शिक्षा नीति को इस स्तर पर इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थी विद्यालयों की संपूर्ण गतिविधियों में भाग ले जिसमें एक्टिविटी के माध्यम से बच्चों को शिक्षित कीजिए और पढ़ाई से विद्यार्थी को धीरे धीरे जोड़ते रहे स्तर पर भाषा को विद्यालयों अपने आधार पर चयनित कर सकता है उसकी मात्रिभाषा में भी उसे पढ़ा सकता है और इंग्लिश भाषा में भी क्योंकि माना जाता है कि एक विद्यार्थी को उसकी अपनी मातृभाषा में सीखने की जिज्ञासा अत्यधिक होती है इसलिए स्तर पर भाषा पर कोई भी पाबंदी नहीं है।
3. Middle Stage ( 3year ) Class 6th to 8th Computer code Vocational / Technical courses Maths Science Arts Language (Indian Language ) |
शिक्षा नीति के तीसरे स्तर में विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा और गुणवत्ता पर अत्यधिक बल दिया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों को कंप्यूटर कोडिंग सॉफ्टवेयर आदि की का प्रशिक्षण दिया जाएगा और साथ ही वोकेशनल कोर्सेज करवाए जाएंगे जिस विद्यार्थी का जिस भी काम में मन है या वह कोई भी आर्किटेक्ट कारपेंटर पेंटिंग डिजाइनिंग हैंड क्राफ्ट फाइन आर्ट कोई भी कोर्स ले सकता है वह अपनी इच्छा के अनुसार अपने कौशल को बढ़ा सकता है और स्तर में विद्यार्थी को मैथ साइंस और आर्ट्स में अध्ययन के स्तर में थोड़ी वृद्धि होगी क्योंकि स्तर में विद्यार्थी के सीखने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है अध्ययन के स्तर में कोई भी विद्यार्थी भविष्य की चिंता में नहीं लगता उसका ध्यान केवल उसकी कौशल के अनुसार ही केंद्रित और आकर्षित होता रहता है इस स्तर में विद्यार्थी को किसी भी भारतीय भाषा को पढ़ना आवश्यक है इसमें आप किसी भी भाषा को चयनित कर सकते हैं मैथ साइंस और आर्ट्स विषय में कोई भी बदलाव नहीं किया गया।
4.Secondary Stage (4years) Class 9th to 12th
No Stream
Multiple Subject Semester system
Foreign Language
- नई शिक्षा नीति के चौथे चरण में विद्यार्थी 4 साल तक कक्षा 9 कक्षा 10 कक्षा 11 और कक्षा 12 में बिना किसी स्ट्रीम के पढ़ाई करेंगे ना कॉमर्स ना साइंस ना कला विषयों, विद्यार्थी अपने अनुसार किसी भी विषय का चयन कर सकता है यदि विद्यार्थी की रूचि बायोलॉजी में है लेकिन इसके साथ-साथ उसे सामाजिक विज्ञान का भी अध्ययन करना है या बिजनेस स्टडी भी पढ़ना है तो वह मल्टीपल रूप में अपने विषय का चयन कर सकता है अ अपनी रूचि के अनुसार या अपनी भविष्य की पढ़ाई के अनुसार या उसके कौशल के अनुसार इन 4 वर्ष में अपनी रुचि के विषय में अध्ययन कर सकता है।
- नई शिक्षा नीति के अनुसार कक्षा 10 और कक्षा 12 बोर्ड में ही रहेगी ,लेकिन परीक्षा को semester में विभाजित किया गया है वर्ष में दो बार परीक्षा होगी नई एजुकेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव है विद्यार्थी रुचि पूर्ण विषय चयनित करने के पश्चात किसी भी विदेशी भाषा को सीख सकते हैं नई शिक्षा नीति के अनुसार आपको विदेशी भाषाओं का भी ज्ञान प्राप्त करवाया जाएगा जिसमें चीनी भाषा को सम्मिलित नहीं किया गया है।
इसे भी जरूर पढ़ें:- पीएम मित्र योजना 2022
नई शिक्षा नीति के अनुसार Colloge
New education Policy के अनुसार Graduction 4 वर्ष की होगी, Graduction की पढ़ाई भी आपके विषय के चयन के अनुसार ही होगी इसमें BA, B.sc, B.com अब इस तरह की स्ट्रीम नहीं होगी 4 वर्ष पश्चात विद्यार्थी एक Greduate कहलायेगा उसे किसी Particular stream का नहीं माना जाएगा यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों की तकनीकी शिक्षा पर भी बल देगी और विद्यार्थी competitive Exam की पढ़ाई के लिए भी तैयार होगा क्योंकि वह सभी विषयों में कौशल प्राप्त करेगा वह ग्रेजुएशन की 3 वर्ष पूरे होने पर भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है उच्चतर शिक्षा में यह बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में काफी परिवर्तन लाएगा।
- नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थी स्नातक में यदि प्रथम वर्ष के बाद ही महाविद्यालय छोड़ देता है प्रथम वर्ष पूरे होने पर यदि उसने परीक्षा दी है तो उसे सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा
- यदि विद्यार्थी द्वितीय वर्ष से किसी कारणवश महाविद्यालयों छोड़ता है तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा
- यदि 3 वर्ष पूर्ण करता है तो उसे ग्रैजुएट डिग्री प्रदान की जाएगी
- विद्यार्थी 4 वर्ष तक महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करता है तो उसे ग्रेजुएट रिसर्च की उपाधि से नवाजा जाएगा
इसमें विद्यार्थियों के पक्ष में बहुत ही सराहनीय निर्णय लिया गया है कि यदि विद्यार्थी किसी कारणवश द्वितीय वर्ष में महाविद्यालयों छोड़ता है और कुछ वर्ष बीत जाने के पश्चात भी वह अपनी पढ़ाई जारी करना चाहता है तो वह सीधे तृतीय वर्ष में प्रवेश ले सकता है (Re-entry)उन सभी विद्यार्थियों के पक्ष में है जो विद्यार्थी किसी पारिवारिक या वित्तीय परेशानियों की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं।
- Post Graduation मैं भी शिक्षा नीति के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन 4 साल का करेंगे उन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन केवल 1 साल का ही करना होगा और जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन मैं 3 साल की ही डिग्री प्राप्त करेंगे उन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन में 2 वर्ष लगाने होंगे।
- नई शिक्षा नीति के अनुसार MA, M.sc, M.com यह stream खत्म कर दी गई है ग्रेजुएशन के चयनित विषय के आधार पर ही पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी होगी।
- आपकी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई आपकी ग्रेजुएशन की डिग्री या ग्रेजुएट रिसर्च के आधार पर तय होगी सामान्य तौर पर अभी यही शिक्षा नीति के प्रारूप के अनुसार तय हुआ है लेकिन धीरे-धीरे बदलाव होंगे जिसमें इसके विषय से संबंधित भी पूरी जानकारी सरकार द्वारा दी जाएगी लेकिन शिक्षा नीति के बदलाव व प्रारूप के अनुसार अभी इसी तरह का क्रम निर्धारित किया गया है।
शिक्षा नीति के अनुसार M.phil की Degree को समाप्त कर दिया गया है Post Graduction के बाद विद्यार्थी Ph.d कर सकते हैं Ph.d 4 वर्ष की होगी नई शिक्षा नीति के आधार पर उच्चतर शिक्षा प्रणाली में अत्यधिक बदलाव नहीं हुए हैं सरकार द्वारा विषय के संबंधों में कोई बात नहीं की गई है लेकिन प्रारूप इसी तरह से निर्धारित हुआ है 2022- 23 तक तो शिक्षा नीति का लागू होना संभव नहीं है महामारी के चलते देश की स्थिति पहले ही बहुत खराब चल रही है अभी सरकार द्वारा भी नियम के और विषय के संबंध में बहुत से प्रावधान, प्रारूप तैयार किए जाएंगे जिसके बारे में हमें भविष्य में ज्ञात होगा।
इसे भी जरूर पढ़ें;-एक परिवार एक नौकरी योजना 2022
भारतीय शिक्षा नीति का उद्देश्य
- नई शिक्षा नीति के आधार पर यह उद्देश्य रखा गया है कि शिक्षा को केवल अंकों के आधार पर ही आंकलन ना हो विद्यार्थी की संपूर्ण कौशल का आंकलन हो विद्यार्थी को शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भागीदारी मिले इसमें स्पोर्ट्स ,कला इत्यादि को भी अन्य विषय के अनुसार ही प्रमुखता मिले:-
Achieve universal foundational literacy and numeracy in primary school by 2025
- A Pupil teacher ratio (PTR) of under 30:1 will be ensured in each school
- Increased focuse on reading writing, speaking ,counting arithmetic and mathematical thinking
- A national repository of high quality resources will be made available on DIKSHA
- नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि जो विद्यार्थी प्राइमरी विद्यालयों में एडमिशन लेता है वह कक्षा 12 तक अपनी पढ़ाई पूरी करें भारत में अभी प्राथमिक कक्षा में addmission लेने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा लगभग 100% है लेकिन जैसे-जैसे कक्षाएं बढ़ती जाती है वैसे वैसे यह आंकड़ा गिरता जाता है कक्षा 12 में Addmission लेने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा लगभग 56% रह जाता है और उच्च शिक्षा पाने के लिए महाविद्यालयों में विद्यार्थियों का यह आंकड़ा 26% तक रह जाता है सरकार का उद्देश्य है कि यह आंकड़ा 100% कर दिया जाए ताकि कोई भी विद्यार्थी अपनी पढ़ाई बीच में ना छोड़े
- नई शिक्षा नीति के अनुसार Colloge Addmission Entrance Exam के लिए CEE commen entrance Exam conduct करवाया जाएगा
- commen entrance Exam प्रवेश परीक्षा National Testing Agency द्वारा करवाया जाएगा
- CEE यह प्रवेश परीक्षा भारत के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के लिए मान्य होगा इसी के आधार पर विद्यार्थी की admission की जाएगी
- commen entrance Exam वर्ष में दो बार करवाया जाएगा
Higher Eduction commission authroty of india
- उच्च शिक्षण संस्थानों को UGC Govern करती है लेकिन नई शिक्षा नीति के आधार पर अब Higher eduction commission authroty of india यह संगठन सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों को regulate करेगा।
- वर्तमान में जहां देश में मेडिकल पढ़ाई के लिए एक अलग संगठन तैयार किया गया है की कानूनी पढ़ाई के लिए एक अलग और तकनीकी शिक्षा के लिए एक अलग संस्था बनाई गई है लेकिन New Eduction Policy के तहत यह समाप्त कर दी जाएगी अब इनकी जगह एक commsion होगा Higher eduction commission authroty of india जो इन सभी संस्थाओं को रेगुलेट करेगा।
- Higher eduction commission authroty of india सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को Govern करेगा इसके अंतर्गत ही देश में शैक्षणिक संस्थान कार्यकारी होंगे।
- नई शिक्षा नीति मैं उच्च शिक्षा के लिए जो एक और बदलाव हुआ है वह यह है कि अब प्रत्येक यूनिवर्सिटी Multidisplenery बनेगी यानी जो विश्वविद्यालयों तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई करवाता है वह अब वाणिज्य और कला के विषय में भी अध्ययन करवाएंगे
- शिक्षा नीति के आधार पर उच्च शिक्षा में आगे Research study के लिए National Research Foundation , Fund ellogate करेगी जो रिसर्च की पढ़ाई के लिए आवश्यक सिद्ध होगी।
इसे भी जरूर पढ़ें:- राष्ट्रीय कामधेनु योजना 2022
नई शिक्षा नीति के सकारात्मक प्रयास
- GDP 6% – New Education Policy में कहा गया है कि की शिक्षा पर GDP का लगभग 6% खर्च किया जाएगा वर्तमान में यह स्थिति लगभग 3% भी नहीं है तो हम मान सकते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में नई एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार शिक्षा पर काफी बड़ा बजट आएगा जिससे शिक्षा के क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट्स मैं भी काफी बड़ा बदलाव होगा।
- School Fee- स्कूल की फीस शिक्षा नीति के आधार पर ही तय की जाएगी इसमें निजी स्कूल भी शामिल होंगे, निजी स्कूल अब अपनी इच्छा से फीस नहीं ले सकते हैं सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि फीस निजी स्कूल द्वारा कितनी लेनी है इसमें वोटिंग सिस्टम भी रखा गया है।
- Vocational – Education Plolicy में Vocational courses को सम्मिलित करना एक सराहनीय निर्णय है जिससे अब विद्यार्थियों में Practical और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा इसमें विद्यार्थियों को Practicaly ही पढ़ाया जाएगा जिसमें तकनीकी संबंधी संपूर्ण ज्ञान प्राप्त होगा थर्मल पावर प्लांट सिस्टम ,कंप्यूटर सिस्टम ,सॉफ्टवेयर ,टूरिज्म, एग्रीकल्चर , कला आदि
- Result – शिक्षा नीति के अनुसार class के अंत में Result निकलेगा वह केवल आपके Accedmic Marks पर ही निर्भर नहीं होगा , इसमें परिवर्तन हुए हैं अब विद्यार्थी स्वयं अपना आकलन करेगा ,आपसे पूछा जाएगा कि आपके अंदर कितना कॉन्फिडेंस है ?आपकी सहन क्षमता ,आपकी नॉलेज ,आपके अनुशासन, आपकी नियमिता ,काम के प्रति लगन ,जिम्मेदारी ,इन सब के आधार पर विद्यार्थी स्वयं अपना आकलन करेगा और अपने लिए अंक निर्धारित करेगा।
- इसके साथ एक और जो बदला हुआ है वह यह है कि अब विद्यार्थी कक्षा में अपने सहयोगी मित्र के साथ अच्छे संबंध और समन्वय स्थापित करेंगे क्योंकि अब विद्यार्थी एक दूसरे का भी कक्षा में आंकलन करेंगे और अंक निर्धारित करेंगे
- अंत में अध्यापक द्वारा आपके अंक निर्धारित किए जाएंगे यह अंक आपके परीक्षा अंक ,टेस्ट , अन्य स्कूली गतिविधियों के आधार पर दिए जाएंगे ,इस तरह से एक विद्यार्थी का संपूर्ण रिजल्ट बनाया जाए।
- Foreign University – New Education Policy 2020 के अनुसार यह तय किया गया है कि Foreign University भी भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग देगी ,विश्व की Top 50 University ही भारत में आएगी इससे शिक्षा नीति में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारतीय यूनिवर्सिटी भी विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ प्रतिस्पर्धा करके शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
- Department – New education Policy में Educational work को अलग-अलग रूपांतरित किया गया है जिसमें मुख्य 4 Department शामिल होंगे।
- एक विभाग का कार्य होगा सिलेबस तैयार करना विषय संबंधी जानकारी देना
- दूसरा विभाग रहेगा जो स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर ,टीचर ट्रेनिंग ,इक्विपमेंट का मैनेजमेंट करेगा
- तीसरा विभाग रहेगा जो वित्त संबंधी पूरा देवरा रखेगा इसमें अध्यापक का वेतन विद्यार्थियों के लिए scholarship scheme और Research संबंधी अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करें
- चौथा विभाग रहेगा वह परीक्षा परिणाम से के संबंध में ही अपने निर्णय लेगा वह परीक्षाएं लेगा Result बनाएगा और Result घोषित करेगा
- Teachers – शिक्षा नीति के में जहां शिक्षा को इतने बड़े स्तर पर ले जाना है वहां अध्यापकों को भी और अधिक शिक्षित और प्रशिक्षित करना आवश्यक है जिसमें उन्हें भी तकनीकी ज्ञान देना आवश्यक है अभी हमारी प्राइमरी एजुकेशन में 3 से 5 वर्ष के बच्चे आंगनवाड़ी में जाते थे नई शिक्षा नीति के अनुसार अब इन्हीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा प्रशिक्षण की अवधि प्रशिक्षण की अवधि 6 महीने या 1 वर्ष होगी अन्य उच्च शिक्षा ,महाविद्यालय ,विद्यालय में अध्यापकों के प्रशिक्षण की अवधि लगभग 4 वर्ष रखी गई है।
उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना 2022
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
यदि आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
- सर्वप्रथम आपको MYNEP2020 प्लेटफार्म की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा।
- होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमें आपको निम्नलिखित जानकारी दर्ज करनी होगी।
- फर्स्ट नेम
- मिडल नेम
- लास्ट नेम
- जेंडर
- डेट ऑफ बर्थ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- अब आपको रजिस्टर के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्टर कर पाएंगे।
MYNEP2020 प्लेटफॉर्म पर लॉगइन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको MYNEP2020 प्लेटफार्म की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा।
- होम पेज पर आपको लॉगइन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपके सामने एक नया पेज खोलकर आएगा जिसमें आपका अपना यूजरनेम, पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज करना होगा।
- अब आपको लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर लॉगिन कर पाएंगे।
Note -: Webite Article के माध्यम से New Education Policy के संबंध में जो भी जानकारी साझा की गई है वह Ministry Of Human Resourse Development Government Of India द्वारा जारी Notifiacation 2020 PDF File से एकत्रित करके आपके लिए एक सरल भाषा में Summrise करके Article के माध्यम से साझा की गई है यदि कोई भी त्रुटि या सुझाव हो तो आप कमेंट करके बता सकते हैं यह जानकारी मुख्य उन सभी विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है जो सरल भाषा में नई शिक्षा नीति को समझ सके,
Comments are closed.